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बुधवार, 10 अप्रैल 2013

नेता जी नहीं डरेंगें-एक राजनैतिक लघु कथा

 
  
गठबंधन की सरकार में मुख्य  समर्थक दल के नेता मीडिया से बात कर रहे थे .एक पत्रकार ने सवाल दागते हुए पूछा-''क्या आपकी पार्टी समर्थन वापस ले रही है ?  '' नेता जी सँभालते हुए बोले ''....नहीं ....बिलकुल नहीं ! हमें सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखना है इसलिए समर्थन जारी रहेगा और फिर आप जानते ही हैं किस तरह हमारे जैसे ही एक दल द्वारा पिछले दिनों  सरकार से समर्थन वापस लेने पर उसके यहाँ ख़ुफ़िया एजेंसी का छापा डलवा दिया गया .इससे उस दल पर कोई फर्क नहीं पड़ा और सभी दल जो सरकार को समर्थन दे रहे थे डर गए .मतलब अन्य समर्थक दलों को यह सन्देश दिया गया कि-अगर हमारा साथ नहीं निभाओगे तो तुम्हारा हश्र क्या होगा ?'' तभी नेता जी का मोबाइल बज उठा और वो ऐसे चौंक पड़े जैसे मुख्य ख़ुफ़िया एजेंसी ने उनकी गर्दन दबोच ली हो .नेता जी ने फोन स्विच ऑफ किया और जेब से रूमाल निकालकर पसीनों से तर-ब-तर चेहरा पोंछते  हुए हकलाकर बोले - '' ...मगर हम डरने वाले नहीं हैं ...'' यह सुनकर सभी उपस्थित मीडियाकर्मी व् पत्रकार ठहाका  लगाकर हँस पड़े .

शिखा कौशिक 'नूतन'

2 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सटीक सुंदर प्रस्तुति !!!
नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
recent post : भूल जाते है लोग,

Ramakant Singh ने कहा…

एक पूर्ण सत्य